UNO kya hai – संयुक्त राष्ट्र संघ क्या है ? united nation organization

UNO kya hai – संयुक्त राष्ट्र संघ क्या है ?

uno kya hai या united nation organization के बारे में हमेशा सुनते रहते है या कोई पूछ देता है की uno kya hai तो हम सोच में पड़ जाते है और उसी समय google पर search करना पड़ता है जिससे उस व्यक्ति के सामने हमें अनपढ़ जैसा व्यवहार मिलता है और हम उस समय लज्जित होना पड़ता है इसलिए आज हम uno kya hai के बारे में पुरे विस्तार से जानेगे की uno kya hai .

uno kya hai
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uno kya hai :-

जब प्रथम विश्व युद्ध के बाद जो देश शामिल हुए थे और जो देश शामिल नहीं हुए थे उन देशो में आर्थिक , राजनितिक रूप से काफी क्षति पहुंची थी और उस समय इस महा विनाश युद्ध के समाप्ति के बाद अमेरिका ने सभी बढे देशो की एक बैठक बुलाई तथा वही पर यह निर्ण लिया गया की फिर कभी दोबारा विश्व युद्ध न हो इसके लिए 10 जून 1920 को राष्ट्र संघ की स्थापना अमेरिका की अगुआई में कर दी गयी । लेकिन उस समय अमेरिका राष्ट्र संघ का सदस्य नहीं रहा। जिससे संयुक्त राष्ट्र संघ कमजोर पढ़ गया और सिर्फ नाम का राष्ट्र संघ रहा गया।

फिर द्वितीय विश्व यूद्ध शुरू हो गया जो 1939 से 1945 तक चला। जिससे पूरी दुनिया फिर एक बार विनाश की कगार पर आ गयी थी। इस युद्ध में इतनी क्षति हुई थी की आप इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते। जब पांच वर्षो के बाद यह युद्ध ख़तम हुआ तो युद्ध के समाप्ति के अगले साल ही फिर एक बार अमेरिका के अगुआई में राष्ट्र संघ का नाम बदलकर संयुक्त राष्ट्र संघ कर दिया गया और इसकी स्थापना 24 अक्टूबर 1946 को अमेरिका के न्यूयार्क शहर में कर दिया गया। उस समय संयुक्त राष्ट्र संघ के अधिकार पत्र पर अमेरिका को लेकर 51 देशो ने हस्ताक्षर किये थे।

uno kya hai –  uno ka full form – United Nation Organization इसे हिंदी में संयुक्त राष्ट्र संघ कहते है ।

uno kya hai 

  • यूनाइटेड नेशन ऑर्गनिज़शन ( संयुक्त राष्ट्र संघ )
  • इसका मुख्यालय – न्यूयार्क शहर ( मैनहटन टापू  U.S.A ) में स्थित है ।
  • uno का स्थापना – 24 अक्टूबर 1946 ईस्वी को हुआ था ।
  • uno के स्थापना के समय संयुक्त राष्ट्र संघ में 50 देश शामिल थे। 50 देशो ने इसपर ( संयुक्त राष्ट्र संघ के अधिकार पत्र पर ) हस्ताक्षर किये थे ।
  • संयुक्त राष्ट्र संघ के आधिकारिक भाषाएँ – 6 ( अरबी , चीनी , अंग्रेजी , फ्रांसीसी , स्पेनिस , रूसी ) संयुक्त राष्ट्र संघ में आप इन 6 भाषावो में से किसी भी भाषा में आप अपना विचार या बातचीत कर सकते है ।
  • अध्यक्ष / महासचिव – एंटोनियो गुटेरिस ( 1 जनवरी 2017 से )
  • प्रथम महासचिव – ट्रिग्वेली
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संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रधान अंग कितने है ? uno kya hai
  1. संयुक्त राष्ट्र महासभा
  2. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद्
  3. आर्थिक व सामाजिक परिषद
  4. संयुक्त राष्ट्र न्यास परिषद्
  5. अंतराष्ट्रीय न्यायालय
  6. सचिवालय

अब इन 6 अंगो के पुरे विस्तार से जानेगे तो चलिए इन 6 अंगो के एक – एक करके जानते है ।

1.> संयुक्त राष्ट्र महासभा :- यह संयुक्त राष्ट्र संघ का सर्वोच्चय अंग है जो विश्व में एक लघु संसद के सामान कार्य करता है । संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी सदस्य महासभा का सदस्य होते है । प्रत्येक सदस्य राष्ट्र , अपने देश से इसमें पांच – पांच प्रतिनिधि भेजते है परन्तु सभी राष्ट्र का सिर्फ एक ही मत देने का अधिकार होता है ।

संयुक्त राष्ट्र संघ के महासभा का वर्ष में एक बार अधिवेशन होता है । इसके स्थापना के समय इसमें 51 देश सदस्य थे तथा इस समय ( 2023 में ) इसमें 193 देश सदस्य है ।

संयुक्त राष्ट्र महासभा का कार्य :-  uno kya hai

  • अंतराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा संबंधित मामलो की देख – रेख करना तथा उसके लिए उचित निर्णय लेना ।
  • महासभा विश्व के किसी भी देश का संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य बनाये जाने का निर्णय करती है और पुराने सदस्यता का समाप्त करने का निर्णय लेती है ।
  • यह संयुक्त राष्ट्र संघ का बजट पास करती है ।
  • महासभा अपना प्रधान ( अध्यक्ष ) एक वर्ष के लिए चुनती है ।
  • संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव की नियुक्ति सुरक्षा परिषद के सिफारिसो से महासभा द्वारा की जाती है ।

2.> संयुक्त रष्ट्र सुरक्षा परिषद :- सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र संघ का एक महत्वपूर्ण अंग है । यह संयुक्त के कार्यपालिका के सामान है । संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कुल 15 सदस्य देश शामिल होते है ।

जिसमे से पांच देश स्थायी सदस्य होते है और पांच स्थायी सदस्यों का नाम है – अमेरिका , इंग्लैंड , फ्रांस , चीन और रूस ( रूस –  यह सोवियत संघ इसका { संयुक्त राष्ट्र संघ का } स्थायी सदस्य था परन्तु जनवरी 1991 में सोवियत संघ के समाप्ति के बाद रूस का इसका स्थान दे दिया गया । )

सुरक्षा परिषद में 10 अस्थायी सदस्य होते है । सुरक्षा परिषद के अन्य 10 सदस्य महासभा के द्वारा 2 वर्षो के लिए चुने जाते है । भारत भी कई बार सुरक्षा परिषद का सदस्य बन चूका है । 1992 में सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों की संख्या पांच से ज्यादा बढ़ाने की बात की गई । जिसमे भारत के लिए भी दावेदारी पेश की गयी है और बाकि सभी सदस्य राष्ट्रों का सामान समझे जाने पर जोर दिया गया है ।

स्थायी सदस्यों को महासभा के किसी भी प्रस्ताव पर वीटो ( veto ) करने का अधिकार प्राप्त होता है । जिसे वीटो पावर कहा जाता है और वीटो पावर सिर्फ स्थायी सदस्यों के पास होता है ।

सुरक्षा परिषद का कार्य :- uno kya hai
  • विश्व में शांति स्थापित करने के लिए प्रयास करना है ।
  • विश्व के किसी भी मामले पर जो विश्व शांति के लिए खतरा बना हुआ हो तो उसके प्रति तुरंत विचार करना ।
  • विश्व के किसी भी देश द्वारा भेजी गयी किसी भी शिकायत पर विचार करना ।
  • वैश्विक झगड़ो या मामलो में शांति के लिए हस्तक्षेप करना ।
  • सुरक्षा परिषद अपने प्रस्तावों या निर्णयों को लागु करवाने के लिए सैनिक कार्यवाही करना ( इराक के विरुद्ध सैनिक कार्यवाही का निर्णय सुरक्षा परिषद ने लिए था )
  • विश्व के हर उस देश के खिलाफा सैनिक कार्यवाही करना जो विश्व शांति में खतरा उत्पन कर रहा हो ।

3.> आर्थिक एवं सामाजिक परिषद :- वर्तमान में आर्थिक एवं सामाजिक परिषद की सदस्य संख्या 54 है इसके सदस्यों का कार्यकाल 3 वर्षो का होता है । परन्तु इसके एक तिहाई सदस्य प्रति वर्ष पदमुक्त होते है । परिषद में प्रत्येक सदस्य देश का एक ही प्रतिनिधि होता है । इसमें निर्णय साधारण बहुमत से होता है ।

इस परिषद की बैठक वर्ष में दो बार की जाती है ” अप्रैल में न्यूयार्क में तथा जुलाई में जेनेवा में ” होता है । परिषद अपना कार्य विभिन्न प्रकार के आयोगों , समितियों तथा विशेष संस्थाओं के माध्यमse काम करती है । उस आयोग के नाम है । जैसे :- आर्थिक और रोजगार आयोग , जनसँख्या और यातायात आयोग , यूनिसेफ ( UNICEF )

4.> संयुक्त रात्र न्यास परिषद ( trust OF Council ) :- यह संयुक्त राष्ट्र संघ में राष्ट्र संघ की बहुमत व्यवस्था के स्थान पर न्यास पद्धिति के अपनाया और उसके संचालन के लिए न्यास पद्धिति का निर्माण किया । न्यास पद्धिति का मूल सिद्धांत यह है की इस समय कुछ अल्प विकसित और आदिम दशा वाले प्रदेशो के निवासी इस योग्य नहीं है की वे अपने देश का शासन स्वयं कर सके ।

इन देशो के दूसरे विकसित देशो की सहायता की आवश्यकता है । विकसित देशो का यह दायित्व है की वे उनके विकाश में पूरी सहायता दे और जब तक वे अपना शासन करने में समर्थ नहीं हो जाते , तब तक इनकी हितो के देखभाल न्यास या अमानत ( Trust ) समझते हुए करे । जिन राष्ट्रों को न्यास का भार सौपा गया है । वे इस प्रकार है – ऑस्ट्रेलिया , न्यूजीलैंड , अमेरिका और ब्रिट्रेन । न्यास परिषद में 12 देश सदस्य है जिनमे से चार प्रबंधन कर्त्ता देश , तीन सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य होने के कारण , स्थायी सदस्य और पांच निर्वाचित सदस्य है । 

5.> अंतराष्ट्रीय न्यालय :- अंतराष्ट्रीय न्यायलय संयुक्त राष्ट्र संघ का एक महत्वपूर्ण न्यायिक संस्था है । जो अंतराष्ट्रीय विवादों पर निर्णय देकर उसका निपटारा करती है । यह विश्व के किसी भी अंतराष्ट्रीय समस्याओं को न्यायिक रूप से सुलझाने का कार्य करता है । अंतराष्ट्रीय न्यालय का मुख्यालय नीदरलैंड के ” द हेग ” शहर में है ।

महासभा तथा सुरक्षा परिषद द्वारा अंतराष्ट्रीय न्यालय में 15 न्यायधिशो की न्युक्ति की जाती है । इसका सभी निर्णय न्यायधिशो के बहुमत के आधार पर लिया जाता है ।

अंतराष्ट्रीय न्यालय का कार्य :- 

  1. अंतराष्ट्रीय कानूनों का निर्माण करना ।
  2. कानून सबंधी किसी भी प्रश्न का समाधान करना ।
  3. विश्व के किसी भी देश के साथ संधि का स्पष्टीकरण करना ।
  4. किसी अंतराष्ट्रीय दायित्व के भंग हो जाने के स्थिति में क्षतिपूर्ति के रूप में और मात्रा को निश्चित करना ।
  5. अंतराष्ट्रीय विवादों को न्यायिक प्रक्रिया से सुलझाना ।

6.> सचिवालय :- सचिवालय संयुक्त राष्ट्र संघ ( UNO ) के दिन – प्रतिदिन के कार्यो को करता है । सचिवालय का प्रमुख महासचिव होता है जिसे महासभा के द्वारा सुरक्षा परिषद की सिफारिस पर 5 वर्षो की अवधि के लिए नियुक्त किया जाता है । महासचिव को दोबारा भी नियुक्त किया जा सकता है ।

वर्तमान में UNO ( संयुक्त राष्ट्र संघ ) के महासचिव एन्टोनियो गुटेरिस है । UNO के प्रथम महासचिव ट्रिग्वेली ( नार्वे देश के रहने वाले थे ) थे ।

संयुक्त राष्ट्र संघ का उद्देश्य क्या है ? UNO kya hai

  • अंतराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को बनाये रखना ।
  • शांति पूर्ण तरीको से अंतराष्ट्रीय विवादों को सुलझाना ।
  • विभिन्न राष्ट्रों के बिच संबंधो एवं सहयोग में वृद्धि करना ।
  • राष्ट्रों के बिच मैत्री – पूर्ण संबंधो को बनाये रखना ।
  • विश्व के आर्थिक , सामाजिक तथा सांस्कृतिक समस्याओं के सामधान हेतु अंतराष्ट्रीय सहयोग प्राप्त करना ।
  • विश्व के मानवीय समस्यायों के सामधान हेतु प्रयास करना ।
  • उपरोक्त सभी उद्देश्य के प्राप्ति तथा सभी राष्ट्रों के बिच समन्वय स्थापित करने का प्रयास करता है ।
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संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की भूमिका क्या है ? UNO kya hai

संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना 24 अक्टूबर 1948 को किया गया था । जिसका संस्थापक सदस्य भारत है । वह मूलरूप से 51 देशो में से एक था। संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत पूर्ण रूप विश्वास करता है । यही कारण है की 1948 में पाकिस्तान के आक्रमण करने पर देश के तत्कालीन प्रधान मंत्री श्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र संघ में आवाज उठाई और राष्ट्र संघ ने सेना को वही रोक दी अन्यथा भारतीय सेना विजय की ओर बढ़ चुकी थी ।

संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की भूमिका निम्नलिखित है – 

  1. भारत संयुक्त राष्ट्र का संस्थापक चार्टर सदस्य है जो 51 सदस्य देशो में एक था ।
  2. भारत आरम्भ से ही संयुक्त राष्ट्र के अंगो तथा अन्य एंजेंसियों की गतिविधियों में सक्रीय भागीदारी निभाती है ।
  3. शांति व सुरक्षा को बढ़ाने में योगदान दिया है ।
  4. भारत संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रसार में सहायक है ।
  5. यह रंग – भेद की निति के विरुद्ध संघर्ष करता है ।
  6. भारत आर्थिक तथा सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए संयुक्त राष्ट्रों के विभिन्न एंजेंसियों जैसे :- यूनेस्को , यूनिसेफ , WHO , अंतराष्ट्रीय श्रम संघ ( ILO ) इत्यादि गतिविधियों में निरंतर भाग लेता है ।
  7. भारत निशस्त्रीकरण के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।
  8. मानव अधिकारों की रक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत प्रबल समर्थन करता है ।
  9. संयुक्त राष्ट्र के मुख्य अंगो व एजेंसियों में भारत को महत्वपूर्ण पद व स्थान मिलते रहे है।
  10. 1954 में भारत की श्रीमती विजयलक्ष्मी पंडित महासभा की अध्यक्ष निर्वाचित हुई थी।
  11. 1956 में डॉo राधाकृष्ण यूनेस्को के अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे।
  12. 1973 में डॉo नागेंद्र सिंह अंतराष्ट्रीय न्यायलय में न्यायाधीश चुने गए है। 1985 में डॉo नागेंद्र सिंह अंतराष्ट्रीय न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश चुने गए।
  13. 1988 में भारत के मुख्य न्यायाधीश श्री आरo एसo पाठक अंतराष्ट्रीय न्यायलय के जज चुने गए।
  14. बाबू जगजीवन राम भी अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन के प्रधान रह चुके है।
निषेधाधिकार ( Veto Power / वीटो पावर ) :- 

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में किसी भी स्थायी सदस्य के द्वारा किसी भी अंतराष्ट्रीय मुद्दे पर नकारात्मक मत देना निषेधाधिकार कहलाता है।

सुरक्षा परिषद में कुल 15 सदस्य होते है। इनमे से 5 स्थायी सदस्य तथा 10 अस्थायी सदस्य होते है। UNO में किसी भी प्रक्रिया संबंधित विषयो पर 15 सदस्यों में से काम से काम 9 सदस्यों के सकारात्मक मत होने से उस पर निर्णय लिया जाता है। परंतु आर्थिक एवं सैनिक कार्यवाही के लिए पांचो स्थायी सदस्यों का सकारात्मक मत जरूरी होता है।

किसी भी निर्णय पर किसी एक सदस्य या एक से ज्यादा स्थायी सदस्यों के नकारात्मक वोट से UNO कोई सक्षम कार्यवाही नहीं कर पता है जिसे ही वीटो या निषेधाधिकार कहा जाता है ।

uno kya hai इस पोस्ट में बस इतना ही जानकारी मेरे पास थी जो आपको इस uno kya hai पोस्ट में बताने की पूरी कोशिश की है अगर कुछ रहा गया होगा तो आप हमें इस uno kya hai पोस्ट के कमेंट बॉक्स में बता सकते है । उस टॉपिक को हम अगले पोस्ट में कवर करने की कोशिश करेंगे। आपको यह uno kya hai पोस्ट कैसा लगा हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताये तथा अपने दोस्तों के पास या अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर जरूर करे। धन्यवाद!

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